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आ चल मेरे साथी कुदरत की छांव में जो खोजा न गया हो किसी ऐसे गांव में। जहां पक्षी गीत सुनाते हैं बहता हो सुंदर जल पावन जहां स्वर्णिम धूप बरसती ...